ग्लोबल फूड बास्केट में बीज की और अधिक किस्मों को जोड़ने पर विचार

प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज पर अंतरराष्ट्रीय संधि के गवर्निंग बॉडी ने ग्लोबल फूड बास्केट में बीज के अधिक किस्मों को जोड़ने पर विचार करने का निर्णय लिया है। वैश्विक चुनौतियों, जैसे जैव विविधता के नुकसान और जलवायु परिवर्तन और दुनिया की प्रमुख फसलों के फूड बास्केट में अधिक विविधता की जरूरत को देखते हुए बीजों की भूमिका तेजी से फोकस में आई है। पौधों के आनुवांशिक संसाधनों की सुरक्षा करने वाली संधि के गवर्निंग बॉडी की  बैठक में बीजों की भूमिका चर्चा के केंद्र में होगी।

ग्लोबल फूड बास्केट में बीज की और अधिक किस्मों को जोड़ने पर विचार

प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज पर अंतरराष्ट्रीय संधि के गवर्निंग बॉडी ने ग्लोबल फूड बास्केट में बीज के अधिक किस्मों को जोड़ने पर विचार करने का निर्णय लिया है। वैश्विक चुनौतियों, जैसे जैव विविधता के नुकसान और जलवायु परिवर्तन और दुनिया की प्रमुख फसलों के फूड बास्केट में अधिक विविधता की जरूरत को देखते हुए बीजों की भूमिका तेजी से फोकस में आई है। पौधों के आनुवांशिक संसाधनों की सुरक्षा करने वाली संधि के गवर्निंग बॉडी की  बैठक में बीजों की भूमिका चर्चा के केंद्र में होगी।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक क्यू डोंगयू ने गवर्निंग बॉडी के दसवें सत्र में कहा, "पौधों के आनुवांशिकी की विविधता लचीलेपन को बढ़ावा देने, खाद्य सुरक्षा बढ़ाने और महिलाओं एवं युवाओं सहित ग्रामीण समुदायों की आजीविका का समर्थन करने के लिए सार्थक कृषि अनुसंधान और नवाचार को संभव बनाती है।"

महत्वपूर्ण योगदान को पहचानना

एफएओ के एक बयान के मुताबिक, क्यू ने कहा, "इस वर्ष का थीम - 'बीजों से नवोन्मेषी समाधानों तक: हमारे भविष्य की सुरक्षा' उन किसानों, पौधा प्रजनकों, कृषि शोधकर्ताओं और बीज बैंक क्यूरेटर को मान्यता देती है जो दुनिया भर में पौधों के आनुवांशिक संसाधनों के संरक्षण और सुधार के लिए काम करते हैं।"

पौधों का आनुवांशिक संसाधन हमारे आहार के लिए महत्वपूर्ण है और संधि का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ये नवीन, टिकाऊ और लचीली कृषि खाद्य प्रणाली समाधानों के हिस्से के रूप में सुरक्षित और सुलभ हों। 20-24 नवंबर तक चलने वाली इस बैठक में दुनिया भर के 600 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें इस पर चर्चा की जाएगी कि अंतरराष्ट्रीय संधि, जो एक बाध्यकारी समझौता है और जिसका सचिवालय एफएओ में है, जलवायु संकट के प्रभाव जैसे कारकों द्वारा लाए गए परिवर्तनों के साथ कैसे तालमेल बिठा सकता है। जलवायु संकट दुनिया भर में किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा है और बढ़ती आबादी को स्थायी रूप से खिलाने की क्षमता को खतरे में डाल रहा है।

2001 में अपनाई गई इस संधि के फूड बास्केट में 64 प्रमुख फसलों को रखा गया है। द प्लांट्स दैट फीड द वर्ल्ड नामक एक रिपोर्ट को इस कार्यक्रम से इतर पेश किया गया। उसमें बताय गया है कि गवर्निंग बॉडी की बैठक में जिन मुद्दों पर विचार किया जाएगा उनमें से एक यह है कि क्या इस सूची में और अधिक फसलों को शामिल करने के लिए इसे अपडेट करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पौधा आधारित प्रोटीन की बढ़ी हुई भूमिका, फसल की किस्मों, स्वाद और फसलों की मांग में बदलाव का फैशन के लिए देश एक-दूसरे पर अधिक निर्भर हो रहे हैं।

एफएओ महानिदेशक ने कहा, "अगर हमें जैव विविधता का संरक्षण करते हुए भोजन और पोषण संबंधी जरूरतों को स्थायी रूप से पूरा करना है तो हमें दुनिया के फूड बास्केट में और अधिक विविधता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।" क्यू ने कहा कि छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए इसमें उपकरणों, ज्ञान और संसाधनों के साथ सार्वजनिक और निजी भागीदारों, शिक्षाविदों और सिविल सोसायटी के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल होगा।

2001 में अपनाई गई इस संधि के फूड बास्केट में 64 प्रमुख फसलों को रखा गया है। द प्लांट्स दैट फीड द वर्ल्ड नामक एक रिपोर्ट को इस कार्यक्रम से इतर पेश किया गया। उसमें बताय गया है कि गवर्निंग बॉडी की बैठक में जिन मुद्दों पर विचार किया जाएगा उनमें से एक यह है कि क्या इस सूची में और अधिक फसलों को शामिल करने के लिए इसे अपडेट करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पौधा आधारित प्रोटीन की बढ़ी हुई भूमिका, फसल की किस्मों, स्वाद और फसलों की मांग में बदलाव का फैशन के लिए देश एक-दूसरे पर अधिक निर्भर हो रहे हैं।

एफएओ महानिदेशक ने कहा, "अगर हमें जैव विविधता का संरक्षण करते हुए भोजन और पोषण संबंधी जरूरतों को स्थायी रूप से पूरा करना है तो हमें दुनिया के फूड बास्केट में और अधिक विविधता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।" क्यू ने कहा कि छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए इसमें उपकरणों, ज्ञान और संसाधनों के साथ सार्वजनिक और निजी भागीदारों, शिक्षाविदों और सिविल सोसायटी के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल होगा।

संरक्षण और साझा करना

सत्र में कृषि पौधों और बीजों के वैश्विक संरक्षण और टिकाऊ उपयोग, उनके उपयोग से होने वाले लाभों को साझा करना, इसके विश्वव्यापी जीन पूल में वृद्धि, एक विकेन्द्रीकृत वैश्विक सूचना प्रणाली और किसानों के अधिकारों से संबंधित विषयों की एक श्रृंखला शामिल होगी। मुख्य फोकस इस बात पर होगा कि कैसे बीज वैश्विक चुनौतियों जैसे जैव विविधता के नुकसान और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकते हैं और अपने गुणों के साथ फसलों को सूखे सहित प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने या अनुकूलित करने में सक्षम बनाते हैं।

बीजों की अधिक विविधता का मतलब कृषि खाद्य प्रणालियों के लिए अधिक लचीलापन है क्योंकि स्थानीय रूप से अनुकूलित बीज की किस्में विटामिन और खनिजों से भरपूर और बेहतर पोषण प्रदान कर सकती हैं। एफएओ मुख्यालय में "द जर्नी ऑफ सीड्स" नामक एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें दर्शकों को किसानों के खेतों से जीन बैंकों तक और वहां से लेकर खेतों तक और फिर बाजारों से लेकर हमारी रसोई तक बीजों के साथ दुनिया भर की यात्रा के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

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