रेशामंडी ने एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सिल्क ककून मंडी खोली, पूरे देश में करेगी नेटवर्क का विस्तार

अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोसेसिंग प्लांट और वेयरहाउस से 30 हजार से अधिक रेशम किसानों और करीब छह हजार रीलर्स को फायदा होगा। इस प्लांट से सिल्क वैल्यू चेन को मजबूत करने और उच्च क्वालिटी का कच्चा सिल्क पाने में मदद मिलेगी

रेशामंडी ने एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सिल्क ककून मंडी खोली, पूरे देश में करेगी नेटवर्क का विस्तार

नेचुरल फाइबर सप्लाई चेन कंपनी रेशामंडी ने कर्नाटक के रामनगर में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सिल्क ककून मंडी खोली है। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोसेसिंग प्लांट और वेयरहाउस से 30 हजार से अधिक रेशम किसानों और करीब छह हजार रीलर्स को फायदा होगा। इस प्लांट से सिल्क वैल्यू चेन को मजबूत करने और उच्च क्वालिटी का कच्चा सिल्क पाने में मदद मिलेगी।

कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इसकी टेक्नोलॉजी से साफ-सुथरी बिडिंग और वेयरहाउस का फायदा मिलेगा। रामनगर स्थित प्लांट में बिडिंग और खरीद कंपनी के खास मैनेजमेंट सॉल्यूशन के जरिए किया जाएगा। इसमें भुगतान मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए किया जाएगा। रेशामंडी पूरे देश के स्तर पर नेटवर्क तैयार कर रही है जहां 5,500 बुनकरों और 6000 से अधिक रीलर्स से फैब्रिक, साड़ियां और एसेसरीज सीधे खरीदे जाएंगे।

कर्नाटक में रेशामंडी के 24 खरीद केंद्र हैं। इनके जरिए कंपनी रीलर्स को वैज्ञानिक तरीके से ग्रेडिंग वाले ककून उपलब्ध कराएगी। कंपनी का कहना है कि इससे रेशामंडी का मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाले हजारों रीलर्स को फायदा होगा। उनके लिए यार्न की क्वालिटी की समस्या का समाधान होगा, उचित कीमत पर उन्हें कच्चा माल उपलब्ध होगा और साथ ही उन्हें आसानी से फाइनेंस भी उपलब्ध होगा।

रेशामंडी के संस्थापक और सीईओ मयंक तिवारी ने कहा, “एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ककून मंडी खोलकर हम सप्लाई चेन ईकोसिस्टम को कई तरह से मजबूत करना चाहते हैं। अभी तक हमने नेचुरल फाइबर ईकोसिस्टम की कई बाधाएं दूर करने में सफलता पाई है। इस मंडी के जरिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को आसानी हो और उन्हें आर्थिक लाभ भी मिले।

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