सहकारी समितियों की जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़ाने को 27 महीनों में हुई 52 पहलः अमित शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 27 महीनों में 52 पहल की गई है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।

सहकारी समितियों की जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़ाने को 27 महीनों में हुई 52 पहलः अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 27 महीनों में 52 पहल की गई है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।

अमित शाह ने कहा कि एनसीडीसी 'सहकार से समृद्धि' के विजन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश के 60 करोड़ ऐसे लोगों जिनके पास पूंजी नहीं है, की आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है। सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पिछले 27 महीनों में 52 पहल की गई हैं। इन पहलों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में की गई पहलों में पैक्स का कंप्यूटरीकरण, मॉडल उपनियम और पैक्स के कामकाज के विस्तार के लिए डेयरी, गोदामों की स्थापना, एलपीजी/पेट्रोल/हरित ऊर्जा वितरण एजेंसी, बैंकिंग संवाददाता,  पैक्स द्वारा सामान्य सेवा केन्द्र (सीएससी) के रूप में 300 से अधिक सेवाएं प्रदान करना और सहकारी समितियों का अद्यतन डेटाबेस तैयार करने जैसी 30 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियां शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि एनसीडीसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता वितरित की है। मुझे भरोसा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए तय किए गए 50,000 करोड़ रुपये रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में एनसीडीसी सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि निगम का शुद्ध एनपीए 2022-23 में 99% से अधिक ऋण वसूली दर होने के साथ 'शून्य' पर बना हुआ है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी को प्रत्येक तिमाही के लक्ष्यों के साथ-साथ अगले 3 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। निगम को कम दरों पर कर्ज लेने के जरिये ढूंढने चाहिए और ब्याज दर कम रखते हुए सहकारिता क्षेत्र को कर्ज देना चाहिए। एनसीडीसी का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं बल्कि सहकारिता क्षेत्र के समग्र विकास का होना चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि एनसीडीसी की क्षमता को पहचानते हुए इसे सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना के तहत परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। एनसीडीसी भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है, जो FPO के रूप में नई सहकारी समितियों का पंजीकरण और उन्हें समर्थन प्रदान करती है। यह प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछली किसान उत्पादक संगठन (FFPOs) के गठन और संवर्धन के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी भी है। इसे निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़ें।

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