आईसीए की आमसभा 128 साल में पहली बार भारत में होगी, इफको के प्रयासों से हुआ संभव, ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस भी होगी

विश्व के नंबर एक सहकारी संगठन इफको के प्रयासों की बदौलत भारतीय सहकारिता जगत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर का आगाज हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहकारी संगठन (आईसीए) के 128 साल के इतिहास में पहली बार निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से जून, 2024 में नई दिल्ली में आईसीए वैश्विक बोर्ड, महासभा और एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। आईसीए दुनिया भर के 107 देशों के 310 से अधिक सहकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है।

आईसीए की आमसभा 128 साल में पहली बार भारत में होगी, इफको के प्रयासों से हुआ संभव, ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस भी होगी
ब्रुसेल्स में आयोजित आईसीए की बैठक में इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी (दाएं से चौथे)।

विश्व के नंबर एक सहकारी संगठन इफको के प्रयासों की बदौलत भारतीय सहकारिता जगत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर का आगाज हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहकारी संगठन (आईसीए) के 128 साल के इतिहास में पहली बार निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से जून, 2024 में नई दिल्ली में आईसीए वैश्विक बोर्ड, महासभा और एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। आईसीए दुनिया भर के 107 देशों के 310 से अधिक सहकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है।

इफको की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, ब्रुसेल्स में चल रही आईसीए के निदेशक मंडल की बैठक में इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने भारत में बैठक की मेजबानी का प्रस्ताव रखा। आईसीए के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। बयान में कहा गया है कि वैश्विक सहकारी आंदोलन पर इफको की छाप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सहकार से समृद्धि" के ध्येय और सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व की प्रेरणा का परिणाम है। इफको का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक और बड़ा कदम है।

इस अंतरराष्ट्रीय सहकारिता कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे विश्व से आईसीए के सदस्य सहकारी संगठन के नेताओं के अनुभवों को इकट्ठा करना और आदान-प्रदान करना, नए संघों पर चर्चा करना और महत्वपूर्ण संस्थागत निर्णय लेना है। संगठनों के लोकतंत्र और एकजुटता का प्रदर्शन करने वाली आईसीए महासभा सहकारी संगठनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा, “भारत में आईसीए महासभा और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना इफको और भारत में सहकारी व्यवसायों के लिए गर्व का क्षण है। यह भारतीय सहकारी क्षेत्र में हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे सहकारी क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे जहां भारतीय सहकारी समितियां वैश्विक व्यवसायों में शामिल हो सकेंगी।”

इफको ने पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सहकारी क्षेत्र में भारत का गौरव बढ़ाया है। आईसीए के वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर द्वारा इफको को दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में नंबर 1 सहकारी समिति का दर्जा दिया गया है। हाल ही में इफको ने रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने और फसल उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व का पहला नैनो उर्वरक इफको नैनो यूरिया (तरल) और इफको नैनो डीएपी (तरल) विकसित किया है जो सतत कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है।

आईसीए दुनिया भर में सहकारी समितियों को एकजुट, उनका प्रतिनिधित्व और उन्हें सेवाएं प्रदान करता है। 1895 में स्थापित यह सबसे पुराने गैर-सरकारी संगठन होने के साथ ही 1 अरब सहकारी सदस्य प्रतिनिधित्व के साथ लोगों की संख्या के आधार पर दुनिया के सबसे बड़े संगठनों में से एक है। यह सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है जिनकी संख्या दुनिया भर में लगभग 30 लाख होने का अनुमान है। यह सहकारी समितियों के लिए और उनके बारे में ज्ञान, विशेषज्ञता और समन्वित कार्रवाई के लिए एक वैश्विक आवाज और मंच प्रदान करती है।

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