एग्री फूड सिस्टम को सक्षम, समावेशी और सस्टेनेबल बनाने की जरूरतः एफएओ महानिदेशक

एग्री फूड सिस्टम के समाधान से जलवायु, आम लोग और प्रकृति तीनों को फायदा होगा। यह कहना है संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक क्यू डोंग यू का। दुबई में चल रहे जलवायु सम्मेलन कॉप 28 को शनिवार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम कॉप इतिहास के एक महत्वपूर्ण समय में हैं। एग्री फूड सिस्टम इस कॉप में शीर्ष पर है। यह एक टर्निंग पॉइंट है। हमें कॉप 28 को गेमचेंजर बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।

एग्री फूड सिस्टम को सक्षम, समावेशी और सस्टेनेबल बनाने की जरूरतः एफएओ महानिदेशक
एफएओ महानिदेशक क्यू डोंगयू

एग्री फूड सिस्टम के समाधान से जलवायु, आम लोग और प्रकृति तीनों को फायदा होगा। यह कहना है संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक क्यू डोंगयू का। दुबई में चल रहे जलवायु सम्मेलन कॉप 28 को शनिवार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम कॉप इतिहास के एक महत्वपूर्ण समय में हैं। एग्री फूड सिस्टम इस कॉप में शीर्ष पर है। यह एक टर्निंग पॉइंट है। हमें कॉप 28 को गेमचेंजर बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों को तभी हासिल किया जा सकता है जब एग्री फूड सिस्टम को अधिक सक्षम, समावेशी, लचीला और सस्टेनेबल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बदलाव अति आवश्यक है क्योंकि दुनिया के 800 करोड़ लोग पौष्टिक भोजन नहीं पाते, 70 करोड़ से अधिक लोग भूख की समस्या से ग्रस्त हैं और दुनिया के 80% ग्रामीण गरीब परोक्ष रूप से अपनी आजीविका के लिए एग्री फूड सिस्टम पर निर्भर हैं।
एफएओ महानिदेशक ने जलवायु परिवर्तन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्राउड सोर्सिंग पर इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भविष्य को आकार देने में विज्ञान और इनोवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है, खासकर जलवायु संकट को देखते हुए। उन्होंने एग्री फूड सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावित भूमिका पर जोर दिया और कहा कि जलवायु परिवर्तन के असर से जूझ रहे छोटी जोत के किसानों की मदद इससे की जा सकती है। उन्होंने बिग डाटा के महत्व के बारे में भी कहा कि इससे किसानों को समय पर सलाह दी जा सकती है। इससे उनका नुकसान कम होगा, एफिशिएंसी बढ़ेगी और एग्री फूड सेक्टर में सस्टेनेबिलिटी आएगी।


इससे पहले 1 दिसंबर को कॉप 28 प्रेसीडेंसी ने घोषणा की कि 134 देशों के नेता महत्वपूर्ण कृषि खाद्य एवं जलवायु डिक्लेरेशन पर सहमत हो गए हैं। खाद्य सुरक्षा के लिए 2.5 अरब डॉलर की राशि जुटाने का भी ऐलान किया गया। संयुक्त अरब अमीरात की जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्री तथा कॉप 28 फूड सिस्टम की लीड मरियम बिंत मोहम्मद अलमहेरी ने कहा कि पेरिस समझौते और 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड के लक्ष्य को हासिल करने का ऐसा कोई रास्ता नहीं जिसमें खाद्य प्रणाली, कृषि और जलवायु के बीच संबंधों पर तत्काल ध्यान ना दिया जाए। तमाम देशों को अपनी खाद्य प्रणाली तथा कृषि को जलवायु से संबंधित लक्ष्य के केंद्र में रखना चाहिए ताकि वैश्विक उत्सर्जन कम किया जा सके और किसानों का जीवन तथा उनकी आजीविका बचाई जा सके।
जिन 134 देशों ने इस डिक्लेरेशन पर दस्तखत किए हैं उनकी कुल आबादी 570 करोड़ है। इन देशों में कुल लगभग 50 करोड़ किसान है जो विश्व का 70% भोजन उपजाते हैं। दुनिया में खाद्य प्रणाली से जितना उत्सर्जन निकलता है उसका 76% इन्हीं देशों से आता है। यह विश्व के कुल उत्सर्जन के 25 से प्रतिशत के बराबर है।

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