डेयरी उत्पादन और खपत अगले दस साल में सबसे ज्यादा भारत और पाकिस्तान में बढ़ेगी

अगले दस साल में दुनिया में दूध उत्पादन में होने वाली बढ़ोतरी का आधे से अधिक हिस्सा भारत और पाकिस्तान से आयेगा। इसके साथ ही डेयरी उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में सबसे अधिक वृद्धि भी इन दोनों से देशों में होगी। ओईसीडी और एफएओ द्वारा तैयार ओईसीडी-एफएओ एग्रीकल्चरल आउटलुक 2023-32 रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कृषि और सहयोगी क्षेत्र में उत्पादन, खपत, कीमतें और उनके वैश्विक व्यापार का अगले दस साल का आकलन किया गया है।

डेयरी उत्पादन और खपत अगले दस साल में सबसे ज्यादा भारत और पाकिस्तान में बढ़ेगी
ओईसीडी-एफएओ एग्रीकल्चरल आउटलुक 2023-32 रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दस साल तक डेयरी उत्पादन की सालाना वृद्धि दर 1.5 फीसदी रहेगी।

अगले दस साल में दुनिया में दूध उत्पादन में होने वाली बढ़ोतरी का आधे से अधिक हिस्सा भारत और पाकिस्तान से आयेगा। इसके साथ ही डेयरी उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में सबसे अधिक वृद्धि भी इन दोनों से देशों में होगी। आर्गनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक कोआपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) और संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन (एफएओ) द्वारा तैयार ओईसीडी-एफएओ एग्रीकल्चरल आउटलुक 2023-32 रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कृषि और सहयोगी क्षेत्र में उत्पादन, खपत, कीमतें और उनके वैश्विक व्यापार का अगले दस साल का आकलन किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दस साल तक डेयरी उत्पादन की सालाना वृद्धि दर 1.5 फीसदी रहेगी जबकि कृषि उत्पादन में 1.1 फीसदी की सालाना वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। आय में वृद्धि के चलते डेयरी उत्पादों की अधिकांश खपत भारत, पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों से आएगी।

ओईसीडी-एफएओ रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान में दूध के ताजा उत्पादों की खपत अधिक होती है और प्रसंस्कृत उत्पादों की हिस्सेदारी कम है। इसके विपरीत विकसित देशों में प्रसंस्कृत उत्पादों की खपत अधिक होती है। इन दस वर्षों में ताजा उत्पादों और प्रसंस्कृत उत्पादों की खपत के अनुपात के मामले में भारत और पाकिस्तान में कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा। साल 2032 में दूध और उसके उत्पादों की भारत में प्रति व्यक्ति सालाना खपत करीब 28 किलो प्रति व्यक्ति तक पहुंचेगी, जबकि पाकिस्तान में यह 50 किलो प्रति व्यक्ति के स्तर को पार कर जाएगी।

जहां तक उत्पादन की बात है, तो रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कुल दूध उत्पादन में गाय के दूध की हिस्सेदारी 81 फीसदी है। भैंस के दूध की हिस्सेदारी 15 फीसदी और चार फीसदी दूध बकरी, भेड़ व ऊंट का होता है। अगले एक दशक में दूध उत्पादन डेढ़ फीसदी सालाना वृद्धि की दर से 103.9 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2032 में विश्व के कुल दूध उत्पादन का 32 फीसदी हिस्सा भारत और पाकिस्तान से आएगा। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े दूध उत्पादक यूरोपीय यूनियन में उत्पादन घटेगा। इसकी वजह प्रति व्यक्ति खपत में कमी, टिकाऊ उत्पादन की नीतियां और आर्गेनिक उत्पादन में वृद्धि को बताया गया है। वहीं भारत, पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों में दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि और प्रति पशु दूध की उत्पादकता में बढ़ोतरी के कारण दूध उत्पादन बढ़ेगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और यहां दूध उत्पादन में बेहतर वृद्धि का सिलसिला जारी रहेगा। इसके लिए देश में डेयरी कोआपरेटिव के मजबूत नेटवर्क के तहत छोटे किसानों की भागीदारी के साथ प्रसंस्करण और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सुविधा को मुख्य वजह बताया गया है। भारत में दुधारू गायों और भैसों की संख्या में वृद्धि के साथ प्रति पशु दूध उत्पादकता में बढ़ोतरी के चलते उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूध उत्पादन को लेकर ग्रीन हाउस गैसों (जीएचजी) के उत्सर्जन का मुद्दा महत्वपूर्ण होता जा रहा है और इसका उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके साथ ही प्लांट आधारित उत्पादों को दूध के विकल्प के रूप में बाजार में पेश किया जा रहा है। इसके चलते यूरोपीय देशों में दूध की खपत पर प्रतिकूल असर पड़ने की बात रिपोर्ट में कही गई है।

डेयरी उत्पादों के वैश्विक व्यापार के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल सात फीसदी दूध का ट्रेड होता है और वह भी अधिकांश प्रसंस्कृत उत्पादों के रूप में। विश्व डेयरी ट्रेड में अगले एक दशक में 11 फीसदी वृद्धि का अनुमान रिपोर्ट में लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि घरेलू उत्पादन में वृद्धि के बावजूद चीन सबसे बड़ा आयातक बना रहेगा। निर्यातकों में यूरोपीय यूनियन, न्यूजीलैंड और अमेरिका का दबदबा कायम रहेगा। यह देश संयुक्त रूप से साल 2032 में प्रसंस्कृत डेयरी उत्पादों के निर्यात में 60 फीसदी चीज, 70 फीसदी होल मिल्क पाउडर (डब्ल्यूएमपी), 70 फीसदी बटर और 80 फीसदी स्किम्ड मिल्का पाउडर (एसएमपी) की हिस्सेदारी पर काबिज रहेंगे।  

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