गांव में आमदनी का 46% खाने पर खर्च करते हैं लोग, शहरों में यह अनुपात 39% है

ग्रामीण परिवारों को अपनी आमदनी की तुलना में खाने-पीने पर शहरी परिवारों की तुलना में अधिक खर्च करना पड़ता है। ग्रामीण परिवार अपनी आमदनी का 46% खाद्य पदार्थों पर खर्च करता है तो शहरी परिवार अपनी आय का सिर्फ 39% खानपान पर लगता है। करीब एक दशक बाद जारी पारिवारिक खपत व्यय सर्वेक्षण 2022-23 में यह जानकारी दी गई है।

गांव में आमदनी का 46% खाने पर खर्च करते हैं लोग, शहरों में यह अनुपात 39% है

ग्रामीण परिवारों को अपनी आमदनी की तुलना में खाने-पीने पर शहरी परिवारों की तुलना में अधिक खर्च करना पड़ता है। ग्रामीण परिवार अपनी आमदनी का 46% खाद्य पदार्थों पर खर्च करता है तो शहरी परिवार अपनी आय का सिर्फ 39% खानपान पर लगता है। करीब एक दशक बाद जारी पारिवारिक खपत व्यय सर्वेक्षण 2022-23 में यह जानकारी दी गई है। पिछला सर्वेक्षण 2011-12 का था। उस समय से तुलना करें तो ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति खर्च 2.6 गुना बढ़ा है तो शहरी इलाकों में 2.5 गुना की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2022-23 में गांव में प्रतिमाह प्रति व्यक्ति औसत खर्च 3773 रुपए था जबकि शहरी क्षेत्र में यह है 6459 रुपए था। एक दशक पहले यह अंतर 1.8 गुना था, अब 1.71 गुना है। इस सर्वेक्षण से परिवारों के खर्च में खाद्य पदार्थों और अन्य मदों पर होने वाले खर्च का पता चलता है। इससे गरीबी के आकलन में भी मदद मिलेगी। एक दशक पहले गांव में लोग आमदनी का 53% खाने पर खर्च करते थे, जबकि शहरों में यह अनुपात 42.6% था।

एक दशक पहले आमदनी का 4.2% आने-जाने पर खर्च होता था, अब यह 7.6% हो गया है। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं पर होने वाला खर्च 4.9% से बढ़कर 6.9% हो गया है। सर्वे में यह भी सामने आया है कि शहरी तथा ग्रामीण दोनों इलाकों में अगर समाज कल्याण योजनाओं के तहत मिलने वाले मुफ्त सामान को जोड़ा जाए तो शहरी और ग्रामीण दोनों परिवारों का खर्च अधिक हो जाता है। इन योजनाओं के तहत सरकार की तरफ से राशन के अलावा लैपटॉप, मोबाइल, साइकिल, मोटरसाइकिल, स्कूल यूनिफॉर्म, जूते आदि दिए जाते हैं।

वर्ष 1999-2000 में ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 486 रुपए और शहरी इलाकों में 855 रुपए था। वर्ष 2004-05 में ग्रामीण खर्च 579 रुपए और शहरों में 1105 रुपए हो गया। वर्ष 2009-10 में यह क्रमशः 1054 रुपए और 1984 रुपए हुआ। इसके बाद पिछले सर्वे में 2010-11 में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 1430 रुपए और शहरों में 2630 रुपए रहा। 2022-23 में यह क्रमशः 3773 रुपए और 6459 रुपए है।

राज्यवार देखा जाए तो प्रति व्यक्ति मासिक खर्च सिक्किम में सबसे अधिक और छत्तीसगढ़ में सबसे कम है। यह शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में देखने को मिलता है। सिक्किम के गांव में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 7731 रुपए और शहरों में 12105 है। छत्तीसगढ़ में यह क्रमशः 2466 रुपए और 4483 रुपए है। सबसे कम आय और सबसे अधिक आय वालों के बीच अंतर भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग है। गांव में सबसे अधिक आय वाले पांच प्रतिशत लोगों की आमदनी सबसे कम आय वाले पांच प्रतिशत की तुलना में 7.3 गुना है। शहरों में यह अंतर 9.9 गुना का है।





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