सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट प्रतिबंध हटाया

सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों के थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को स्टॉक लिमिट ऑर्डर से छूट दे दी है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में खाद्य तेल और तिलहन के विक्रेताओं से भंडारण सीमा हटाने के आदेश दिया है और कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से तिलहन कीमतों के बेहतर होने की उम्मीद है

सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट  प्रतिबंध हटाया

सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों के थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को स्टॉक लिमिट ऑर्डर से छूट दे दी है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में खाद्य तेल और तिलहन के विक्रेताओं से भंडारण सीमा हटाने के आदेश दिया है और कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से तिलहन कीमतों के बेहतर होने की उम्मीद है।

मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को खाद्य तेलों की अधिक किस्मों और ब्रांडों की अनुमति मिल जाएगी। वर्तमान में सीमित भंडारण के कारण उनके पास खाद्य तेलों का सीमित भंडार था।

सरकार ने खाद्य तेल और तिलहन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल 8 अक्तूबर, 2021 को खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और थोक उपभोक्ताओं पर भंडारण की सीमा लगा दी थी। इसमें भंडारण की सीमा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया गया था। भंडारित तेल और तिलहन पर स्टॉक सीमा का आदेश 8 अक्तूबर 2021 से प्रभावी  था।

इस आदेश के तहत, तेल और तिलहन के उपलब्ध स्टॉक और संबंधित राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के खपत पैटर्न के आधार पर स्टॉक सीमा मात्रा तय करने के लिए संबंधित राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को छोड़ दिया गया था। इसके बाद, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक सीमा मात्रा समान रूप से तय की गई और 3 फरवरी, 2022 के आदेश द्वारा इसकी अवधी 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी गई थी। बाद में केंद्रीय आदेश  को 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था।

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों बाजारों में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के कारण स्टॉक लिमिट ऑर्डर लगाया गया था। कीमतों की  उच्च अस्थिरता ने उस समय जमाखोरी, मुनाफाखोरी और काला बाजार को प्रोत्साहित किया। सरकार द्वारा समय पर हस्तक्षेप से आसमान छूती कीमतों में कमी आई और विशेष रूप से सोयाबीन की जमाखोरी को नियंत्रित करने में मदद मिली।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की मौजूदा कीमतों का अध्ययन करने के बाद भंडारण सीमा की समीक्षा की गई। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर कीमतों में लगातार नरमी को देखते हुए भंडारण की सीमा को हटाने का फैसला किया गया है। प्रमुख खाद्य तेलों की कीमतों की स्थिति में अब धीरे-धीरे बदलाव देखा जा रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी खाद्य तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है, विभाग द्वारा स्टॉक सीमा आदेश की समीक्षा की गई। बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को स्टॉक नियंत्रण आदेश से छूट देने की जरूरत महसूस की गई क्योंकि ऐसी खबरें थीं कि थोक और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को नियंत्रण आदेश के कारण उनकी बिक्री में समस्या का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि उनके लिए निर्दिष्ट सीमा बहुत कम थी।

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