चाय कंपनियों के निर्यात में 8% गिरावट के आसारः क्रिसिल रिपोर्ट

भारत के चाय उद्योग के कारोबार में मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले साल की तुलना में 8% की गिरावट आने के आसार हैं। इसकी मुख्य वजह श्रीलंका से सप्लाई बढ़ने के कारण भारत से चाय का निर्यात कम होना है। क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी नई रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चाय उद्योग के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में लगातार दूसरे साल गिरावट की आशंका है। यह एक प्रतिशत घटकर पांच प्रतिशत रह जाने की संभावना है।

चाय कंपनियों के निर्यात में 8% गिरावट के आसारः क्रिसिल रिपोर्ट

भारत के चाय उद्योग के कारोबार में मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले साल की तुलना में 8% की गिरावट आने के आसार हैं। इसकी मुख्य वजह श्रीलंका से सप्लाई बढ़ने के कारण भारत से चाय का निर्यात कम होना है। क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी नई रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चाय उद्योग के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में लगातार दूसरे साल गिरावट की आशंका है। यह एक प्रतिशत घटकर पांच प्रतिशत रह जाने की संभावना है।

पिछले साल चाय उद्योग के मुनाफे में 1.5% की गिरावट आई थी। इसका प्रमुख कारण मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि था। वित्त वर्ष 2022-23 में मजदूरी में 15% की वृद्धि की गई थी। चाय उद्योग की कुल इनपुट लागत में 20% हिस्सा मजदूरी का होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग शून्य पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) और अन्य कारणों से इंडस्ट्री का क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर बना रहेगा। निर्यात में गिरावट के चलते इंडस्ट्री के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 8% की कमी आएगी।

भारतीय चाय उद्योग की कुल बिक्री में 82% हिस्सा घरेलू बाजार का होता है। इसके मौजूदा वित्त वर्ष में 110 करोड़ किलो पर स्थिर रहने की संभावना है। मात्रा के लिहाज से 18% हिस्सा निर्यात का और मूल्य के लिहाज से 30% हिस्सा निर्यात का होता है। इसमें 12% गिरावट आने की संभावना है। यह 20 करोड़ किलो तक रह जाएगा। पिछले साल मात्रा के लिहाज से निर्यात में 14% की वृद्धि हुई थी। क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर नितिन कंसल के अनुसार पिछले साल श्रीलंका में उत्पादन कम होने के कारण भारत से निर्यात में वृद्धि हुई थी। श्रीलंका विश्व बाजार में चाय का बड़ा निर्यातक देश है।

ग्लोबल चाय निर्यात में भारत चौथे स्थान पर है। चीन, केन्या और श्रीलंका तीन सबसे बड़े निर्यातक हैं। कुल निर्यात में भारत का हिस्सा 11% है। इससे भारतीय चाय कंपनियों का बिजनेस प्रभावित होने के आसार हैं। घरेलू चाय उत्पादन 13.5 करोड़ किलो पर स्थिर रहने की संभावना है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट आने से मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनियां को मिलने वाले कैश में 40 प्रतिशत कमी आने की संभावना रिपोर्ट में जताई गई है।

क्रिसिल रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर अर्घ चंदा ने रिपोर्ट में कहा है, पूंजीगत खर्च कम होने और कामकाजी पूंजी का चक्र स्थिर रहने से कंपनियों का कर्ज भी नियंत्रण में रहेगा। इसलिए चाय कंपनियों की पूंजी का ढांचा भी स्थिर रहने की संभावना है। बैलेंस शीट मजबूत रहने से कंपनियों का क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर रहने की संभावना है। इसलिए कमजोर ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस के बावजूद इंटरेस्ट कवरेज इस वर्ष 3 गुना से अधिक रहेगा।

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